Brahmakumaris Ambikapur
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्ववरीय विश्वव विद्यालय द्वारा ब्रह्माकुमारी संस्था नव सृष्टि निर्माण

आयोजकः-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्ववरीय विश्वव विद्यालय द्वारा ब्रह्माकुमारी संस्था नव सृष्टि निर्माण में अभूतपूर्व कार्य कर रही हैं:- डाॅ प्रेमसाय सिंह दिनांक 21.02.2020 को महाषिवरात्री के पावन अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वव विद्यालय द्वारा स्थानीय सेंटर आध्यात्मिक ज्ञान एवं राजयोग प्रषिक्षण केन्द्र, नव विश्व भवन चोपड़ापारा अम्बिकापुर में महाशिवरात्रि पर्व शिव जयंती बहुत धूमधाम से मनायी गयी। तत्पश्चात् शिव अवतरण आध्यात्मिक झाँकी का का भव्य उद्घाटन समारोह सम्पन्न हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि स्कूल शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़ शासन माननीय डाॅ. प्रेमसाय सिंह, उनकी धर्मपत्नी डाॅ रमा सिंह, कृषि महाविद्यालय के डीन वी. के. सिंह, जेल अधीक्षक राजेन्द्र गायकवाड़ , सरगुजा संभाग की संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता एस. के. रवि, एस. डी. ओ. सुरेन्द्र दुबे, पार्वती बी.एड. काॅलेज की प्राचार्य श्रीमती संध्या चन्द्राकर, डाॅ किरण अग्रवाल एवं लगभग 500 ब्रह्माकुमारीज विद्यार्थी तथा संस्था से जुडे अन्य लोग उपस्थिति थे। माननीय शिक्षा मंत्री डाॅ सिंह ने शिव अवतरण आध्यात्मिक झांकी का अवलोकन करते हुये कहा कि भगवान शिव इस धरा पर अपने वायदे अनुसार नये सृष्टि निर्माण हेतु अवतरित होकर कार्य कर रहे हैं जिसमें ब्रह्माकुमारी संस्था अभूतपूर्व कार्य कर रहीं हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंग एवं अन्य झाँकियों के माध्यम से भगवान शिव के सन्देश को जन- जन तक पहुँचा रही हैं। डाॅ रमा सिंह ने कहा कि यह संस्था लोगों के अन्दर व्याप्त बुराईयों को दूर कर अच्छाईयों को भर रही हैं। सभी लोग इस संस्था से जुडकर इसका लाभ ले और अपने जीवन को खुशहाल बनाये। कृषि महाविद्यालय के डीन वी. के. सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से यहाँ जुडने से स्वपरिवर्तन एवं विचार परिवर्तन होता ही हैं, ऐसा समाज सब जगह हो तभी समाज में परिवर्तन होगा। जेल अधीक्षक राजेन्द्र गायकवाड़ ने कहा कि यह संस्था विश्व बन्धुत्व का कार्य कर रही है, कोई भी नया कार्य बाबा के घर से शुरू होता है। यह संस्था सृष्टि परिवर्तन का केन्द्र हैं यहाँ आने मात्र से ही हमें अहसास हो जाता हैं कि हम सब एक पिता के संतान हैं। हमारे जेल में लगभग 400 कैदी श्रद्धेय आदरणीया बी. के. विद्या दीदी के सहयोग से प्रतिदिन ईश्वरीय ज्ञान का श्रवण कर अपने संस्कार परिवर्तन कर रहे हैं। सरगुजा संभाग की संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी ने बताया कि यह महाशिवरात्रि का पर्व एक प्रकार से जागरण दिवस भी हैं। जागरण अर्थात् अपने को अज्ञान अन्धेरे से जगाकर आत्म स्वरूप में स्थित करना और आत्म चिन्तन द्वारा अपनें कमजोरियों का अक-धतूरा परमात्मा शिव पर अर्पण कर स्व परिवर्तन लाना इस पर्व का मुख्य उद्देश्य हैं। एवं सभी अतिथियों ने महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर परमात्मा के शिव के प्रति अपनी अपनी भावनाओं को प्रकट किए। सरगुजा संभाग की संचालिका बीके विद्या दीदी माननीय शिक्षा मंत्री डॉ सिंह एवम डॉ रमा सिंह को ईश्वरीय सौगात भेट की। यह पांच दिवसीय झाँकी दिनांक 21 फरवरी से 25 फरवरी 2020 तक प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से रात्री 9 बजे तक नागरिकों/श्रद्धालुओं के अवलोकनार्थ रहेगी। झाँकी में मुख्य आकर्षण 40 फीट ऊँची शिवलिंग, अमरनाथ की गुफा, द्वादष ज्योतिर्लिंगों का माॅडल दर्शन, कुम्भकरण का विशाल चलित माॅडल एवं स्वर्ग दर्शन झांकी है। झाँकी में भिन्न- भिन्न प्रकार के माॅडल आकर्षण का केन्द्र हैं। माननीय शिक्षा मंत्री एवं बी. के. विद्या दीदी ने सभी नागरिकों को झाँकी के अवलोकन हेतु आमंत्रित किया हैं।
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अम्बिकापुर में न्यायविदों तथा विधि वेत्ताओं के लिये कार्यक्रम आयोजित : Jurists Wing Programme

कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों का सम्मान तिलक, बैज, गुलदस्ता देकर एवं द्वीप प्रज्वलित कर किया गया।
समाज का हर वर्ग न्याय से जुड़ा हुआ हैं, क्योंकि न्याय एक ऐसा वर्ग है, जो बुद्धि जीवि और जिम्मेवारों को प्राप्त होता है, क्योंकि न्याय का क्षेत्र सबसे श्रेष्ठ और ऊँचा माना जाता है, इसलिये न्याय करना प्रोफेशनल पेशा नहीं है, बल्कि अपने आप में ही एक बहुत बड़ा गुण हैं। इसलिये हर वर्ग के व्यक्ति के जीवन में जब भी कोई समस्या का हल नहीं मिलता है, तो वो न्यायालय का दरवाजा खटखटाता है, और वो वकील या जज के पास एक आशा और विश्वास के साथ पहुँचता है, कि मेरे समस्या का समाधान होगा और सही न्याय मिलेगा इसलिये न्यायालय न्याय का मन्दिर कहलाता उक्त विचार दिल्ली पाण्डव भवन से पधारे ज्युरिस्ट विंग की चेयरपर्सन आदरणीया पुष्पा दीदी जी नव विश्व भवन चोपड़ापारा अम्बिकापुर के सभागार में न्यायविदों और विधि वेत्ताओं को सम्बोधित करते हुये कहा। और आगे उन्होंने अंग्रेजों के समय का उदाहरण देते हुये कहा कि पहले वकीलों का कोई फीस फिक्स नहीं था बल्कि जब जनता के समस्या का समाधान हो जाता था तो वो अपने भावना के एकॉर्डिंग धन दे देते थे। इससे स्पष्ट होता है कि पहले के लोग कितना सेवा भावना, समर्पणता और निष्ठा से कर्म करते थे, जिनका मूल उद्देश्य दुआ कमाना था धन कमाना नहीं। और आगे उन्होंने कानून में आध्यात्मिकता का महत्व समझाते हुये कहा कि यदि कानून में आध्यात्मिकता का समावेश हो जाये तो डगमगायी हुई कानून व्यवस्था को व्यवस्थित करना सरल हो जायेगा। चूँकि आध्यात्मिकता से अन्तर्मन की शक्तियाँ जागृत होती है, जिससे अपनी रियल पहचान कर अपनी बुद्धि को कुशाग्र बना सकते है और मनुष्य अपने जीवन में क्षमा, दया, सेवाभाव और कल्याण की भावना जैसे नैतिक गुणों को जीवन में अपना ले तो प्रत्येक व्यक्ति को सत्य और उचित न्याय दिला पाना सरल और सम्भव है।मुख्य अतिथि भ्राता हेमंत तिवारी जी आदरणीय पुष्पा दीदी जी का सम्मान करते हुए कहा कि अध्यात्म के क्षेत्र में वर्षों से देश- विदेश में मानव कल्याण के लिये, किये जा रहें सेवाओं को शब्दों में बयाँ करना सम्भव नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि मनुष्य बिना अध्यात्म और दर्शन के निरंकुश और अमर्यादित होता जा रहा है, जिसे हमारे व सरकारों के द्वारा बनाये गये कानून नियंत्रित नहीं कर सकती। वर्तमान समय छल, कपट, क्रोध और घृणा के वश हो भौतिक संसाधनों को प्राप्त करने में समाज कहीं न कहीं अनियंत्रित होता जा रहा है, जिसे नियंत्रित करने व सही न्याय दिलाने के लिए प्रमाणित चीजों का होना जरूरी है, जो अध्यात्म से ही हमें प्राप्त हो सकता है। यदि हमें अपने व्यक्तित्व को निखारना है, या समाज को सुधारना है, तो हमें अध्यात्म व दर्शन की ओर जाना पड़ेगा ।
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ब्रह्माकुमारीज़ अम्बिकापुर द्वारा शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में शिक्षकों को किया गया सम्मान
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आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत एवं महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर स्वर्णिम भारत के निर्माण में संतो की भूमिका

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