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समर कैम्प मेमोरी पावर बढ़ाने के लिए कल्पना शक्ति का उपयोग करें…. बह्माकुमार शक्तिराज सिंह
प्रेस विज्ञप्ति
ब्रह्माकुमारी समर कैम्प
मेमोरी पावर बढ़ाने के लिए कल्पना शक्ति का उपयोग करें…. बह्माकुमार शक्ति राज सिंह
अंबिकापुर , 08 मई: मेमोरी गुरू ब्रह्माकुमार ष्षक्तिराज सिंह ने कहा कि मेमोरी पावर को बढ़ाने के लिए कल्पना षक्ति बहुत सहयोगी सिद्ध हो सकती है। इसके लिए रिकालिंग पावर का उपयोग करना चाहिए।
ब्रह्माकुमार ष्षक्तिराज सिंह आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय द्वारा नव विष्व भवन चोपरा पारा में आयोजित समर कैम्प में मेमोरी मैनेजमेंट विषय पर बच्चों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि दिमाग सभी के पास लेकिन उसका सही उपयोग बहुत कम लोग कर पाते है।
उन्होने आगे कहा कि मेमोरी पावर को बढ़ाने के लिए कल्पना षक्ति बहुत सहयोगी सिद्ध हो सकती है। इसके लिए रिकालिंग पावर का उपयोग करे मेमोरी बढ़ाने के लिए रोज सोने से पहले बिस्तर में बैठकर सारी दिनचर्या को याद करने की कोषिष करें ऐसा लगातार करने से 15-16 दिनों में ही मेमोरी बढ़ने लगेगी साथ साथ उन्होने बच्चों को टिप्स दिया और 15 नाम अलग अलग चीजों के लगातार याद कराया और देखा गया कि बच्चों को नाम याद भी हो गया। इसके अतिरिक्त उन्होने भारतीय क्रिकेट सदस्य रमेष माने (काका) से विडियो काॅन्फ्रेसिंग द्वारा बच्चो को बात कराया, रमेष माने ने कहा कि बच्चों के लिए राजयोग मेडिटेषन बहुत आवष्यक है। उन्होने बताया कि विराट कोहली इस ज्ञान को लेकर मांसाहारी से ष्षाकाहारी बन गये।
समर कैम्प का दूसरा सत्रः
ईमानदारी़़….. ब्रह्माकुमारी पार्वती बहन
ब्रह्माकुमारी पार्वती बहन ने इमानदारी का महत्व समझाते हुए कहा कि यदि हम इमानदारी से कार्य करेंगे तो हमारे जीवन में पैसे के साथ सुख शांति भी आयेगी , परन्तु हमने बेइमानी करके यदि पैसे कमाये तो पैसे तो आ जाएंगे परन्तु जीवन मे दुख अषांति भी आ जाएगी ।
उन्होने बताया कि ईमानदारी हमारे कर्म मे, बोल मे, संबंध मे होनी चाहिए। परन्तु हमारी इच्छाएं ही इमानदारी में बाधक बनती है।
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आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत एवं महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर स्वर्णिम भारत के निर्माण में संतो की भूमिका
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ब्रह्माकुमारीज में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम का आयोजन
ब्रह्माकुमारीज में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम का आयोजन एक श्रेष्ठ समाज का आधार महिलाओं का सम्मान- राजेन्द्र गायकवाड़ अम्बिकापुंर दिनाँक- 07.03.20 प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा नव विश्व भवन चोपड़ापारा में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अम्बिकापुर की डी.एफ. ओ. श्रीमती प्रभाकर खलको ने कहा- नारी श शक्ति स्वरूपा हैं। एक नारी में वो सारी शक्तियाँ मौजूद हैं, चाहे वो माँ हो, पत्नी हो, शिक्षक हो, या उच्च या निम्न ओहदे पर विराजमान हो एक उगते हुये सूरज के भांति दूसरे को को भी अपनी शक्तियों से सिंचित करती हैं। सरगुजा की डी.पी.ओ. श्रीमती ज्योति मिंज महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने कहा- नारी वास्तव में दुर्गा, लक्ष्मी, काली, सरस्वती स्वरूपा हैं उन्हें केवल अपने अन्दर की क्षमता को पहचानने की जरूरत हैं। प्रत्येक नारी अपने भीतर के देवत्व को समाजहित, एवं राष्ट्रहित के सृजनशीलता में लगाये। सरगुजा संभाग की संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी ने कहा- एक सशक्त समाज के लिये महिलाओं की भागीदारी आवश्यक हैं। सतयुग के आदिकाल में महिलाओं और पुरूषों को समान अधिकार प्राप्त था लेकिन समय परिवर्तन के साथ महिलायें शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण उन्हें अबला और कमजोर समझने लगे और नारियों ने इस बात को स्वीकार कर मानसिक रूप से कमजोर होती चली गयी। नारी अपने आन्तरिक शक्तियों को जगाकर दुनिया के बड़े- बड़े कार्य को कर सकती हैं। अपने न्यारापन, सहनशीलता, साहस और आत्मचिन्तन द्वारा नारी अपने सभी दायित्वों को पूरा करते हुये सशक्त समाज की रीड़ की हड्डी बनी रहती हैं। हर सफल पुरूष के पीछे एक नारी का ही हाथ होता हैं। समाज सशक्त तब होगा जब हमारे अन्दर आध्यात्म शक्ति होगी और आध्यात्म शक्ति से ही मानव जीवन में सन्तुष्टता और नैतिक मूल्य आते हैं जिससे ही राष्ट्र आगे बढे़गा। और स्वयं को भी परिवर्तन करने की शक्ति आध्यात्म शक्ति से ही आती हैं क्योंकि स्व परिवर्तन से ही विश्व परिवर्तन होगा। और उन्होंने कहा आज माँ- बाप अपने बच्चों को अनेक साधन उनके कहने पर देते है और वही उनके पतन का कारण बनता हैं संस्कार दिये बिना साधन देना उनके पतन का कारण हैं। यदि साधन नहीं देंगे तो बच्चा थोड़ी देर रोयेगा लेकिन संस्कार नहीं देंगे तो जीवन भर रोयेंगे। तथा उन्होंने अपने अन्दर कीे शक्तियों को जागृत करने हेतु योगानुभूति भी कराया। मातृ छाया की अध्यक्ष सुश्री वन्दना दत्ता बहन ने कहा ने कहा कि नारी को हम देवी के रूप में देखें तो हर नारी इन ब्रह्माकुमारी बहनों जैसा समाज परिवर्तन से विश्व परिवर्तन की भूमिका निभा पायेगी। यदि ऐसा हुआ तो हम सब पूरे 365 दिन महिला दिवस मना सकेंगे। एक श्रेष्ठ समाज का आधार महिलाओं का सम्मान हैं कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये अम्बिकापुर के जेल अधीक्षक राजेन्द्र गायकवाड जी ने कहा कि यदि हम महिलाओं को समानता का अधिकार नहीं देते तो संविधान का उलंघन करते हैं। महिलाओं में अभूतपूर्व शक्तियाँ होती हैं इसी कारण परमात्मा ने सृष्टि परिवर्तन के लिये स्थापित इस विद्यालय का संचालन के लिये भी महिलाओं को ही चुना। गायत्री परिवार से श्रीमती सुधा चैधरी जी ने कहा कि नारी के सशक्तिकरण से ही सारे समाज, सारे देश, और खुद का विकास होगा। अन्तर्राष्ट्रय महिला दिवस के कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का शुभ उद्घाटन डी. एफ. ओ. प्रभाकर खलको, डी. पी. ओ. ज्योति मिंज महिला एवं बाल विकास अधिकारी, सरगुजा संभाग की संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी जेल अधीक्षक राजेन्द्र गायकवाड, सुश्री वन्दना दत्ता, श्रीमती सुधा चैधरी – गायत्री परिवार, डाॅ मन्जू शर्मा, डाॅ किरण अग्रवाल स्त्री रोग विशेषज्ञ, सिक्ख समाज की अध्यक्ष महिला- बीबी सुरजीत कौर, सिन्धी समाज की अध्यक्ष महिला- ज्योति पोपटानी इत्यादि अतिथियों ने द्वीप प्रज्जवलन कर किया। तत्पश्चात नृत्य एवं संगीत की प्रस्तुति भी हुई। इस कार्यक्रम में उपरोक्त अतिथियों के अलावा सभा में लगभग 500 लोग इस संस्था से जुडे़ एवं शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का सफल संचालन बी. के. पूजा बहन ने किया और बताया कि दिनाँक 11 मार्च से प्रातः 8 से 9 एवं संध्या 6 से 7 बजे तक सात दिवसीय महिला सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया गया हैं। जिसका लाभ उठाये एवं अपने जीवन को खुशहाल बनाये।
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शिव जयन्ती एवं आध्यात्मिक समारोह
अच्छे एवं संस्कारवान पीढ़ी के लिए ब्रह्माकुमारी ईशवरीय परिवार से जुड़ें- डाॅ. प्रेमसाय सिंह प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईशवरीय विश्व द्यालय द्वारा संचालित गीता पाठशाला परसडीहा के तत्वाधान में आयोजित शिव जयन्ती एवं आध्यात्मिक समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित स्कूल शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़ शासन माननीय डाॅ. प्रेमसाय सिंह ने आध्यात्मिक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि चरित्र निर्माण, संस्कार निर्माण और भविष्य निर्माण में संस्था अविशवसनीय एवं सराहनीय कार्य कर रही है। ब्रह्माकुमारी बहनें देवी के रूप में अवतरित होकर शिव पिता द्वारा निर्देषित इस पुनीत कार्य को कर रहीं हैं। माननीय शिक्षा मंत्री नें सभी समारोह में उपस्थित लोगों को संस्था का महत्व एवं राजयोग का महत्व बताते हुए आहवान किया कि सभी संस्था से जुड़ कर लाभ उठाएं तथा अपनें मनुष्य जीवन को सार्थक करें। उन्होंने संस्था के प्रति आभार व्यक्त किये कि हमें इस पावन कार्य के लिए भागीदार बनाया। सरगुजा संभाग प्रमुख राजयोगिनी बी के विद्या दीदी ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में अभी नैतिकता का पतन हो रहा है, नैतिक मूल्यों की अति आवशयकता है। यही धर्मग्लानि का समय है जब गीता में भगवान नें वादा किया था कि जब जब धर्म की ग्लानि होती है, मैं सृष्टि पर आता हूं। वर्तमान समय में परमात्मा नैतिक मूल्यों की शिक्षा के लिए धरती पर अवतरित हो चुके हैं, इसी की यादगार पर हम शिवरात्री मनाते हैं। हमें आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा बुराईयों रूपी अक-धतूरे को शिव पर अर्पण कर जीवन मूल्यों को धारण कर इस पर्व को सार्थक बनाना है। इस आध्यात्मिक समारोह में मुख्य अतिथि के साथ विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी राम ललित पटेल, जनपद अध्यक्ष वाड्रफनगर, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि एवं भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
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